वो एक अंधेरी सी गुफा थी जिसमें सिर्फ एक मशाल जल रही थी। गुफा के बीचों- बीच एक पत्थर के चबूतरे पर स्वामी अच्युतानंद ध्यान- मुद्रा में बैठे मंद- मंद मुस्कुरा ...

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